अंबुजा-अडानी सीमेंट प्लांट में हादसा: क्वायल में दबकर बिहारी मजदूर की मौत
बलौदा बाजार।
अंबुजा-अडानी सीमेंट प्लांट रवान में मंगलवार की रात एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें एक बिहारी मजदूर की दबकर मौत हो गई। यह घटना बॉयलर सेक्शन में कैंसिंग मशीन से जुड़े क्वायल की चपेट में आने से हुई। बताया जा रहा है कि मजदूर बिपिन कुमार पिता सूर्यपति सिंह, निवासी पतपुरा, जिला रोहतास, बिहार काम कर रहा था, जिसकी इस दुर्घटना में मौत हो गई। हादसा रात करीब 7:30 बजे की बताई जा रही है। घटना के बाद प्लांट परिसर में अफरा-तफरी मच गई और मजदूरों में गुस्सा फूट पड़ा।

जानकारी के अनुसार, अंबुजा अडानी सीमेंट प्लांट में मृतक बिपिन कुमार “टिक एस” नामक ठेका फर्म के अधीन कार्यरत था। रोज की तरह वह ड्यूटी पर मौजूद था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, मशीन चालू थी तभी अचानक भारी-भरकम क्वायल अनियंत्रित होकर गिर पड़ा। लोहे का यह रोल सीधे बिपिन पर जा गिरा, जिससे वह दब गया। सहकर्मियों ने तुरंत दौड़कर उसे बाहर निकाला और संयंत्र प्रबंधन को सूचना दी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
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अंबुजा-अडानी प्लांट में हादसे के बाद मचा हड़कंप
जैसे ही हादसे की खबर फैली, प्लांट परिसर में काम कर रहे मजदूरों में आक्रोश फैल गया। कई श्रमिकों ने सुरक्षा मानकों की कमी को लेकर प्रबंधन पर गंभीर सवाल उठाए। उनका कहना था कि यहां मशीनों की नियमित जांच नहीं की जाती और सुरक्षा उपकरणों की भारी कमी रहती है। मजदूरों ने मृतक के परिजनों के लिए उचित मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है।
घटना स्थल पर मौजूद मजदूर राकेश कुमार पटेल मध्यप्रदेश निवासी ने बताया कि हम हर दिन इसी जगह काम करते हैं। आज शिफ्ट खत्म होने से पहले अपना काम खत्म कर रहे थे तभी क्वायल का सेफ्टी क्लैम्प कमजोर होकर टूट गया और यह हादसा हो गया। उनका कहना था कि कमजोर क्लैम्प के बारे में कई बार सुपरवाइजर को बताया गया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। आज उसी लापरवाही ने एक साथी की जान ले ली। बिपिन हम सबके साथ काम करता था, बहुत मेहनती लड़का था।
साथी मजदूरों में दिखा गुस्सा
मृतक के साले भूपेंद्र कुमार ने अस्पताल में भावुक होकर कहा, कि जाने वाला तो चला गया, लेकिन उसके दो छोटे बच्चे हैं। जीजा बहुत मेहनती था। कंपनी को मुआवजा और नौकरी दोनों देनी चाहिए। भूपेंद्र की बात सुनकर अस्पताल में मौजूद साथी मजदूर भी गमगीन हो गए। उनका कहना था कि अगर कंपनी सुरक्षा उपकरणों और निगरानी पर ध्यान देती, तो यह हादसा नहीं होता।
डॉक्टर ने कहा अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो चुकी थी मौत
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अशोक वर्मा ने बताया, हादसे के बाद बिपिन यादव को अस्पताल लाया गया, यहां आने से पहले ही उसकी मृत्यु हो गई थी, सर में गंभीर चोट थे, बाकी पोस्टमार्टम में ही पता चल पाएगा। फिलहाल पंचनामा और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की सटीक वजह स्पष्ट होगी, हालांकि प्रारंभिक तौर पर क्वायल के दबाव में आने से मृत्यु होना प्रतीत होता है।
मजदूरों ने की कार्रवाई की मांग
घटना की जानकारी मिलते ही कोतवाली पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और पंचनामा की कार्रवाई शुरू की। बताया जा रहा है कि मृतक बिपिन कुमार की बॉडी को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा। इस बीच संयंत्र परिसर में काम करने वाले मजदूरों ने कार्यस्थल की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर प्रबंधन जल्द सुरक्षा मानकों में सुधार नहीं करता, तो वे विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।

मजदूर संगठन के एक पदाधिकारी ने कहा,
हर महीने सैकड़ों मजदूर इस प्लांट में काम करते हैं, लेकिन सेफ्टी के नाम पर सिर्फ दिखावा है। हेलमेट और बेल्ट दिए जाते हैं, लेकिन मशीनें कब मेंटेनेंस पर जाएंगी, किसी को नहीं पता। हम प्रशासन से जांच की मांग करते हैं।
हादसे से उठे गंभीर सवाल
हादसे के बाद से से सीमेंट संयंत्र के सुरक्षा मानक पर सवाल उठाए जा रहे हैं। ठेका फर्मों के अधीन काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी, संयंत्रों में बढ़ते पेटी कॉन्ट्रैक्ट और दीगर राज्यों के मजदूरों की ही भर्ती क्यों हो रही है। क्या काम शुरू करने से पहले मशीनों की जांच होती है या सिर्फ दिखावे की रिपोर्ट तैयार की जाती है?स्थानीय श्रमिकों ने आरोप लगाया है कि हर महीने किसी न किसी सेक्शन में हादसे होते रहते हैं, परंतु अधिकांश मामलों को दबा दिया जाता है। इस बार मामला गंभीर है, इसलिए अब सभी की नजरें पुलिस जांच और प्रशासन की कार्रवाई पर हैं।
Author: UnfearNews
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